Thursday 30 March 2017

ये आपसी मुश्किलें हल नहीं होगी

ये आपसी मुश्किलें हल नहीं होगी
जब तक खुद से हि पहल नहीं होगी।
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वक़्त कुर्बतों में और खलल डालता हैं
बात आज रहीं, तो कल नहीं होगी।
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ये ख़ामोशी रिश्तों को, बंजर न कर दे
गुरूर में लफ्जों कि फसल नहीं होगी।
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वक़्त रहते रिश्तों को वक़्त देना चाहिए
वर्ना तनहाई में कोई दखल नहीं होगी।
~श्रद्धा

Wednesday 29 March 2017

Gardish me taare...

जो अपने पीछे अपने ही खिलाफ कह रहे होंगे
अरे अपने थोड़ी हि होंगे, वो तो ऐरे-गैरे होंगे।
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तेरे हिस्से कि आधी चमक चल तुझे भी मुबारक
आखिर कब तक मेरे भी, गर्दिश मे तारे होंगे।
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तेरी मीठी जुबान का, जमाना कायल हैं तो रहें
मेरे अश्क घुले हैं इसीलिए, मेरे लफ्ज खारे होंगे।
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तराशनी चाहिए खूबसूरती, विरानी में भी हम को
हर वक़्त थोड़ी न मयस्सर, हम को नजारे होंगे।
~ श्रद्धा

Friday 24 March 2017

उभरता सितारा

उभरता सितारा कहें जाने पर इतनी अकड?? फलक से टूट गिरे तो नज भी नहीं आओगे!
~ श्रद्धा

Saturday 4 March 2017

Barbadi

खुदा ना करें मेरी बर्बादी आबादी में तब्दील हो... कंबख्त तेरा पचतावा तो फिर निकम्मा कर देगा!!
~ श्रद्धा