Thursday 26 February 2015

ये खुदगर्जी नही,मेरी मर्जी है।

अपने मन की करता हूँ तो कहते है ये खुदगर्जी है
अपने उसुलों का बादशाह हूँ, ये खुदगर्जी नही मेरी मर्जी है।

सब को खुश रख सकूँ ये तो मेरे बस में नहीं
झूठी तारीफ, झूठा दिखावा ये सब तो आखिर फर्जी है।

जब जब जख्म मिलते है तो बखूबी सिल लेता हूँ
कारागिरी मेरी गौर से देखना, मुझमें भी इक दर्जी है।

इस खुद्दारी और जमीर के वास्ते, कितनोसे रिश्ते तोड़े है
रिश्ते कम हो पर सच्चे हो, खुदा से यही अर्जी है।
~ अनामिका

जिंदादिली

खामोश सी जिंदगी है, अरमान बोहोत है
भीड़ सी बस्ती मे चलते है, अंजान बोहोत है।

इम्तिहानोका चलताहे सिलसिला मंजीलोका निशान मिलता नही
ख्वाहिशोका घुटताहे गला न जाने उस खुदा को कैसे
दिखता नही।

ए खुदा मत कर गुरुर अपनी हस्ती पर, एक दिन
मेरा भी आएगा
खुदकी हस्ती पर नाज करने वाले, तु खुद इस
बंदी को दुनियासे मिलाएगा।

किस्मत भी झुकेगी मेरे आगे, माथे की लकीर
भी बदलेगी
कल जे हसते थे मुझपे, आज उनकी नीयत बदलेगी।

रंगीन सी दुनिया है, फीरभी बेरंग लगती है
चांदनी तो चांद का हीस्सा है,
फीरभी अलग सी लगती है।

दिखावे की मुस्कान है
तनहाई मे डूबी हर एक शाम है
बीखरा है कई टुकडो मे ये दील,
मगर "जिंदादिली" इस दिल की पहचान है।
~ अनामिका

3 JULY 2012

Tuesday 24 February 2015

अनामिका

हर सुबह इन आँखोमे इक पहेली सी रहती है
थोड़ी ही सही, पर आँखो में लाली सी रहती है।

पुंछता है कोई जब इन लाल आँखो का सबब
नजाने क्यु ये जबान खाली सी रहती है।

ढूँढती हूँ ख्वाबोमें जब जिंदगी के रंगोको
सपनों की दुनिया भी बस काली सी रहती है।

झूकती है अक्सर पर टूटती नही है
मेरी जिंदगी भी किसी पेड़ की डाली सी रहती है।

फीसल जाते है हाथो से रेत की तरह लम्हे
किनारे पर ये मुट्ठी सिर्फ गीली सी रहती है।

मोहताज नही है वो किसी चाँद, सूरज की चमक के
इन जुगनूओ में भी 'अनामिका' के सहेली सी रहती है।
~ अनामिका

Monday 23 February 2015

A Question to d God.... _/\_

A Question to d God... _/\_

मेरे मालिक मुझे रह रहकर एक ही बात सताती है
मेरे ही सपने मुझे ना हासिल हो, ये तो सरासर ज्यादति है।

तू जो करेगा ठीक ही करेगा, माँ ये अक्सर बताती है
अब तू दिमाग से शातिर है या माँ मेरी जज्बाति है?

मेरे कर्मो का हिसाब-किताब फिरसे एक बार देखले
मै ही कही गलत हूँ या तकदिर मेरी देहाती है?

साए की तरह चिपके है ये इम्तिहानों के सिलसिले
इकदूजे बिन अधूरे हम, जैसे दिया और बाती है।

ना मैं लडकर थका हूँ ना तू आजमाकर थका है
अब आगे तेरी मर्जी मालिक, बस तू ही मेरा साथी है।
~ अनामिका

Saturday 21 February 2015

लक्ष

अक्सर जिसकी कोशिशों में थकान होती है
वहीं हस्ती आगे जाकर महान होती है।

फरेब और मक्कारी से दुश्मनी हो जिसकी
सच्ची अक्सर उसीकी जबान होती है।

अपने नाम का सिक्का बाजार में जब चलने लगे
धीरे धीरे शख्सियत अपनी बदनाम होती है।

जिंदगी का मक्सद जो पूरा करने की ठानले
बढ़ते बढ़ते उम्र उसकी कुर्बान होती है।

मुकद्दर को हराकर जो जीत की और कदम बढ़ाए
बड़ी से बड़ी मुश्किलें भी फीर आसान होती है।
~ अनामिका

Friday 20 February 2015

इक गुमनाम शायर...

इक गुमनाम शायर  <3

मेरे मालिक तूने मुझे ये कैसी बिमारी दे दी
राज-ए-दिल जो बयान करूँ कुछ ऐसी फनकारी दे दी।

सपनों की इस दुनिया का इक गुमनाम सा शायर हूँ
खानाबदोशी जस्बातों को इक सच्ची शायरी दे दी।

गमों का ये खजाना खुशनसिबी से हासिल होता है
शिद्दत से हिफाजत कर सकूँ कुछ ऐसी नौकरी दे दी।

मै सुखनवर हूँ, रोजे खामोशी के रखता हूँ
रहम है मेरे इलाही का, जिसने लफ्जों की इफ्तारी दे दी।
~ अनामिका

खानाबदोश- मुसाफीर, vagrant
सुखनवर- शायर, कवि
इलाही- ईश्वर

Thursday 19 February 2015

टूटे इस दिल की आज हिफाजत करले तू आकर मेरे जख्मों की मरम्मत करले।

टूटे इस दिल की आज हिफाजत करले
तू आकर मेरे जख्मों की मरम्मत करले।

इक तेरीही तलब है जो बुझी नहीं अबतक
आज शराफत से पिलानेकी तू हिमाकत करले।

तेरे दिल पें घाव कुछ मैंने भी दिए होंगे
आज आकर मुझसे मेरीही शिकायत करले।

हक है तुझे अपनी मनमानी का जानम
तू आकर मेरी सल्तनत में बगावत करले।

तुझे पानेकी चाह में खुदा से लड़ बैठा हूँ
आज आकर मेरे हवाले से तू इबादत करले।

हिज्र की आग में इस कदर जल रहा हूँ
तू आकर आज मुझसे फीर मोहब्बत करले।
~ अनामिका

हिज्र- जुदाई

Tuesday 17 February 2015

सालों बाद वो नजर आया कुछ इस अंदाज से जैसे नजरें उसकी मिलगई हो किसी अंजान से।

सालों बाद वो नजर आया कुछ इस अंदाज से
जैसे नजरें उसकी मिलगई हो किसी अंजान से।

देखकर उसका यू मुड़जाना इक तसल्लि देगया यारों
रिश्ता तो आज भी गहरा है उसका, इस नादान से।

कुछ कसमें, कुछ वादों के जो गवाह हुआ करते थे
वो ठिकाने अब नजर आते है कुछ विरान से।

जुदा होना हि मुकद्दर है, तो इक फरियाद सुनले मालिक
उसे तमाम खुशियाँ हासिल हो इस जहान से।
~ अनामिका

Monday 16 February 2015

♡♡♡♡♡

जो नफरत उसको दिखाई थी कुछ यु बेकार होगई
जबान मेरे बस में रही, और आँखे गद्दार होगई।
~ अनामिका

Sunday 15 February 2015

जैसा मुझसे हुआ वैसा तुझसे गुनाह होता मुझे पाने के खातिर काश तू भी फनाह होता।

जैसा मुझसे हुआ वैसा तुझसे गुनाह होता
मुझे पाने के खातिर काश तू भी फनाह होता।

कैद लगने लगी थी जो मेरे दिल की सलाखें
मुझे खबर होते ही तू कबका रिहा होता।

जमाना जो पुंछता तो देख लेते मेरी तरफ
बेवफाइ का ईल्जाम भी बखूबी सहा होता।

ख्वाहिश अपने दिल कि जो जाहिर करते जानम
बस तेरे खातिर जान, मैं हसकर तबाह होता।
~ अनामिका

Saturday 14 February 2015

तकदीर

कभी ना कभी तो ऐसी तस्वीर दिखेगी.... जब ये
तकदीर मेरे कदमों मे झुकेगी। - अनामिका

मेरे तसव्वूर मे छुपा है, वो ऐसा चेहरा होगा जो ख्वाब में ही नही हकीकत मे मेरा होगा।

मेरे तसव्वूर मे छुपा है, वो ऐसा चेहरा होगा
जो ख्वाब में ही नही हकीकत मे मेरा होगा।

अपनी बादशाही छोड़कर उसे ये गुलामी अजिज लगेगी
जब मेरे दिल की सल्तनत पर उसका पेहरा होगा।

उसकी चलती धड़कनो में इक खलल सा पड जाएगा
जब अश्कों का इक कतरा मेरी आँखो मे ठहरा होगा।

कभी जुदा ना होनेकी कसम जब वो खाएगा
तब मोहब्बत का ये सिलसिला और भी गहरा होगा।

अपनी चाहत का सबूत कुछ इस तरह देगा वो
मेहंदी लगेगी इन हाथोमे, उस के सर पर सहरा होगा।
- अनामिका

तसव्वूर- imagination
खलल- disturbance

Friday 6 February 2015

मुकद्दर का आफताब जबसे ढलने लगा है ख्वाहीशों का नशा तो और भी चढ़ने लगा है।

मुकद्दर का आफताब जबसे ढलने लगा है
ख्वाहीशों का नशा तो और भी चढ़ने लगा है।

दगाबाजों के दरीया मे रहनुमा जब खुदा है
नाखुदा बनकर मेरा हौसला बढने लगा है।

इस दोस्ती मे इन रीश्तो मे अब खुशबू नही आती
जबसे इक गुलाब इस दीलमे पलने लगा है।

बेमोल पानी का इक कतरा सीपी मे क्या कैद हुआ
अनमोल मोती बनकर अब दुनिया मे खुलने लगा है।

भटकते मन के पंछी पे ऐतबार मत करना
आवारा वो पंछी अब हवा मे उडने लगा है।

चमकते उन रास्तों को पानी समझता है बेवकूफ
प्यासा वो अहू भी जमके दौडने लगा है।

रात की इस तनहाई मे उस चाँद को क्या "दोस्त" कहा
अमावस की काली रात मे वो भी छीपने लगा है।

जबसे मै पढने लगी हू उस "मीर" की गजले
मेरी बेजान आँखोमे नूर दीखने लगा है।
- अनामिका

आफताब- सुरज
रहनूमा- मार्गदर्षक
नाखुदा- नाव चलाने वाला
अहू- हीरन

छुट्टी लेकर फुरसत से जब तुझे बनाया होगा खुद की इस कारागिरी पर खुदा भी खूब इतराया होगा।

छुट्टी लेकर फुरसत से जब तुझे बनाया होगा
खुद की इस कारागिरी पर खुदा भी खूब
इतराया होगा।
- अनामिका

मेहफीलो मे हुकूमत तो हर कोई करता है.... तनहाइयों पर राज करनेका हुनर सबको नही आता....

मेहफीलो मे हुकूमत तो हर कोई करता है....
तनहाइयों पर राज करनेका हुनर
सबको नही आता.... - अनामिका

Dedicated to Rahat Indori Sir.... My most favorite Shayar.....


Dedicated to Rahat Indori Sir.... My most favorite
Shayar.....

राहत तेरी गजलों का कुछ ऐसा नशा होजाता है
शराब की भी धज्जिया उडे कुछ ऐसा वाकीया होजाता है।

तनहाइ मे भी विरानी से इस कदर प्यार होजाता है
तेरी नशीली गजलों का जब दीलपर वार होजाता है।

दर्द महसूस करना हो तो जख्म होना जरूरी नही
तेरे लफ्जो को पढ़कर भी उस दर्द का इल्म होजाता है।

फनकारी का ये हुनर खुदा सबको नही देता
तेरे जैसा शायर तो कभी कबार ही होजाता है।
- अनामिका

खुदा से तुझे पाने की गुजारीश मै करता हु उसके दर पे जाता हु और तेरी परस्तिश करता हु।

खुदा से तुझे पाने की गुजारीश मै करता हु
उसके दर पे जाता हु और तेरी परस्तिश करता हु।

इस जन्म मे ना सही, अगले जन्म मे तो हासिल हो
यही उम्मीद लेकर उससे रोज सीफारीश करता हु।

रास्ते जुदा होगए अपने, मंजील भी अब अलग है
पर तेरी गली से जो गुजरे कुछ ऐसी रविश करता हु।

नजर तुजसे मीलती है तो खुलके हस लेता हु
दील पे अपने पथ्थर रख के ऐसी साजिश करता हु।

जीसके नसीब मे तु लीखी है उसके नसीब को सलाम मेरा
मेरे नसीब पे मातम मनाके अश्कों की बारिश करता हु।

तुझे मेरी याद ना आए कोइ ऐसा हमसफर मीले तुझे
इस दील की गहराई से यही ख्वाहीश करता हु।
- अनामिका

परस्तिश- पुजा
रविश- छोटा रास्ता
मेरा दील बस इतना जानता है... की उस दील
को अपनी जान मानता है.... - अनामिका

Dedicated to all the "गली के टपोरी's"

Dedicated to all the "गली के टपोरी's"

शक्ल सुरत देखी नही
ना देखा कभी आईना
जब भी गली से गुजरता है
कहता है मै हु ना। :D

ना भाव देती है चंद्रमुखी
ना घास डालती है पारो
फीर भी style मे कहता है
जानम समझा करो। :D

सडकछाप jeans पहनके
मुँह मे चबाता है chewing gum
हरकते है टपोरी जैसी
पर खुदको समझता है सिंघम। :P

आँख मारके बोलता है
रानी कुछ कुछ होता है
भैया से मार पडी तो
पैर पकड़ के रोता है। :D

हवा मे उडाके Bike
कहता है धूम मचाले
अरे आवारा लड़के
पहले फुटी कौडी कमाले।

वाह रे गली के आंशिक
तुझे तो इसीमे मजा है
पर तेरी गंदी हरकते
हर लड़की के लिए सजा है। :(

लड़की पर गंदी बाते
ये मस्ती नही होती
कीसी भी लड़की की ईज्जत
इतनी सस्ती नही होती। :(

एक बार सोचके देख
बदल के देख ये रवैया
कीसी छोटीसी बहन का तो
तु भी होगा भैया।

अब तक चाहे गलत था
अब तो कुछ सीखले
मुश्किल नही है कुछ भी
खुद को बदल के देखले।

औरत की इज्जत करके देख
तुझे इज्जत मील जाएगी
जन्नत जानेकी सीडी
तेरे सामने खुल जाएगी। :)
- आनामिका

यु ही नही आता ये शेर-ओ-शायरी का हुनर... कुछ खुशियाँ गिरवी रखकर जिंदगी से दर्द खरीदा है। - अनामिका

यु ही नही आता ये शेर-ओ-शायरी का हुनर... कुछ
खुशियाँ गिरवी रखकर जिंदगी से दर्द खरीदा है।
- अनामिका