Friday, 6 February 2015

Dedicated to Rahat Indori Sir.... My most favorite Shayar.....


Dedicated to Rahat Indori Sir.... My most favorite
Shayar.....

राहत तेरी गजलों का कुछ ऐसा नशा होजाता है
शराब की भी धज्जिया उडे कुछ ऐसा वाकीया होजाता है।

तनहाइ मे भी विरानी से इस कदर प्यार होजाता है
तेरी नशीली गजलों का जब दीलपर वार होजाता है।

दर्द महसूस करना हो तो जख्म होना जरूरी नही
तेरे लफ्जो को पढ़कर भी उस दर्द का इल्म होजाता है।

फनकारी का ये हुनर खुदा सबको नही देता
तेरे जैसा शायर तो कभी कबार ही होजाता है।
- अनामिका

1 comment:

  1. waah... bahut ache... par last line mein kabhi kbhaar hi ho pata hai jyada better tha.. :) dont mind.

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