Friday, 6 February 2015

खुदा से तुझे पाने की गुजारीश मै करता हु उसके दर पे जाता हु और तेरी परस्तिश करता हु।

खुदा से तुझे पाने की गुजारीश मै करता हु
उसके दर पे जाता हु और तेरी परस्तिश करता हु।

इस जन्म मे ना सही, अगले जन्म मे तो हासिल हो
यही उम्मीद लेकर उससे रोज सीफारीश करता हु।

रास्ते जुदा होगए अपने, मंजील भी अब अलग है
पर तेरी गली से जो गुजरे कुछ ऐसी रविश करता हु।

नजर तुजसे मीलती है तो खुलके हस लेता हु
दील पे अपने पथ्थर रख के ऐसी साजिश करता हु।

जीसके नसीब मे तु लीखी है उसके नसीब को सलाम मेरा
मेरे नसीब पे मातम मनाके अश्कों की बारिश करता हु।

तुझे मेरी याद ना आए कोइ ऐसा हमसफर मीले तुझे
इस दील की गहराई से यही ख्वाहीश करता हु।
- अनामिका

परस्तिश- पुजा
रविश- छोटा रास्ता

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