Wednesday 15 June 2016

मुश्किलों में डाल के जो चौका देती हैं जिंदगी

 मुश्किलों में डालके जो चौंका देती हैं जिंदगी
 यूँ भी तो कभी कभी, मौका देती हैं जिंदगी।
 .
 समझने वाले को, बस समझ आना चाहिए
 हर वक्त थोड़ी हि न धोखा देती हैं जिंदगी।
 .
 समझौतों कि धूप में, रखो तो गुरूर अपना
 पलकों के अश्को को सूखा देती हैं जिंदगी।
 .
 ख्वाहिश और सब्र का तालमेल आना चाहिए
 तमाम मजबूरीयों को झुका देती हैं जिंदगी।
 ~ अनामिका

Monday 13 June 2016

तेरी नजर में खुदा से अब बेहुदा हो गया हूँ मैं।

तेरी खातिर तुझसे ही देख जुदा हो गया हूँ मैं
तेरी नजर में खुदा से अब बेहुदा हो गया हूँ मैं।
.
मजबूरी मोहब्बत पे, हावी हो जाती हैं अक्सर
पर तुझसे बिछडके भी तो आधा हो गया हूँ मैं।
.
दिल भी मुझे चलाता हैं, दिमाग भी चला लेता हैं
जिंदगी कि शतरंज का यूँ प्यादा हो गया हूँ मैं।
.
ये सफर मेरा हैं, पर पहले मैं तो किनारों का हूँ
अनचाहे भी लौटने वाला नाखुदा हो गया हूँ मैं।
~ श्रद्धा

Wednesday 1 June 2016

दुनियादारी निभानी हैं तो काम से काम रखा जाएँ

दिल में रंजिश होकर भी होंठो पर सलाम रखा जाएँ
दुनियादारी निभानी हैं, तो काम से काम रखा जाएँ।
 .
 इतना आसान नहीं हैं इस दुनिया से कट कर रहना
अनचाहे भी खामोशी को, जरा सरेआम रखा जाएँ।
 .
 यूँ तो सवाल करती रहती है आँखे अपने अश्को से
 छोड़ो! अपनी ही मजबूरी पे क्या इलजाम रखा जाएँ।
 .
 गहरे हो सकते हैं ताल्लूकात वैसे आज के भी दौर मैं
 अपने रिश्तों पर भी अगर, कोई इनाम रखा जाएँ।
 .
 जिंदगी भी इक नशा हैं अगर गौर से देखा जाए तो
 दिल में फकत हसरतों का, कोई जाम रखा जाएँ।
 ~ अनामिका