दिल में रंजिश होकर भी होंठो पर सलाम रखा जाएँ
दुनियादारी निभानी हैं, तो काम से काम रखा जाएँ।
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इतना आसान नहीं हैं इस दुनिया से कट कर रहना
अनचाहे भी खामोशी को, जरा सरेआम रखा जाएँ।
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यूँ तो सवाल करती रहती है आँखे अपने अश्को से
छोड़ो! अपनी ही मजबूरी पे क्या इलजाम रखा जाएँ।
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गहरे हो सकते हैं ताल्लूकात वैसे आज के भी दौर मैं
अपने रिश्तों पर भी अगर, कोई इनाम रखा जाएँ।
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जिंदगी भी इक नशा हैं अगर गौर से देखा जाए तो
दिल में फकत हसरतों का, कोई जाम रखा जाएँ।
~ अनामिका
दुनियादारी निभानी हैं, तो काम से काम रखा जाएँ।
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इतना आसान नहीं हैं इस दुनिया से कट कर रहना
अनचाहे भी खामोशी को, जरा सरेआम रखा जाएँ।
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यूँ तो सवाल करती रहती है आँखे अपने अश्को से
छोड़ो! अपनी ही मजबूरी पे क्या इलजाम रखा जाएँ।
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गहरे हो सकते हैं ताल्लूकात वैसे आज के भी दौर मैं
अपने रिश्तों पर भी अगर, कोई इनाम रखा जाएँ।
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जिंदगी भी इक नशा हैं अगर गौर से देखा जाए तो
दिल में फकत हसरतों का, कोई जाम रखा जाएँ।
~ अनामिका
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