Saturday, 14 February 2015

मेरे तसव्वूर मे छुपा है, वो ऐसा चेहरा होगा जो ख्वाब में ही नही हकीकत मे मेरा होगा।

मेरे तसव्वूर मे छुपा है, वो ऐसा चेहरा होगा
जो ख्वाब में ही नही हकीकत मे मेरा होगा।

अपनी बादशाही छोड़कर उसे ये गुलामी अजिज लगेगी
जब मेरे दिल की सल्तनत पर उसका पेहरा होगा।

उसकी चलती धड़कनो में इक खलल सा पड जाएगा
जब अश्कों का इक कतरा मेरी आँखो मे ठहरा होगा।

कभी जुदा ना होनेकी कसम जब वो खाएगा
तब मोहब्बत का ये सिलसिला और भी गहरा होगा।

अपनी चाहत का सबूत कुछ इस तरह देगा वो
मेहंदी लगेगी इन हाथोमे, उस के सर पर सहरा होगा।
- अनामिका

तसव्वूर- imagination
खलल- disturbance

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