अक्सर जिसकी कोशिशों में थकान होती है
वहीं हस्ती आगे जाकर महान होती है।
फरेब और मक्कारी से दुश्मनी हो जिसकी
सच्ची अक्सर उसीकी जबान होती है।
अपने नाम का सिक्का बाजार में जब चलने लगे
धीरे धीरे शख्सियत अपनी बदनाम होती है।
जिंदगी का मक्सद जो पूरा करने की ठानले
बढ़ते बढ़ते उम्र उसकी कुर्बान होती है।
मुकद्दर को हराकर जो जीत की और कदम बढ़ाए
बड़ी से बड़ी मुश्किलें भी फीर आसान होती है।
~ अनामिका
वहीं हस्ती आगे जाकर महान होती है।
फरेब और मक्कारी से दुश्मनी हो जिसकी
सच्ची अक्सर उसीकी जबान होती है।
अपने नाम का सिक्का बाजार में जब चलने लगे
धीरे धीरे शख्सियत अपनी बदनाम होती है।
जिंदगी का मक्सद जो पूरा करने की ठानले
बढ़ते बढ़ते उम्र उसकी कुर्बान होती है।
मुकद्दर को हराकर जो जीत की और कदम बढ़ाए
बड़ी से बड़ी मुश्किलें भी फीर आसान होती है।
~ अनामिका
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