सवेरा भी दोपहर में जिनका कंबल में होता हैं
वो शेरों को बताते हैं कि क्या जंगल में होता हैं।
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नियत और सीरत से ही निर्दोष होना काफी नहीं
कई बार तो दोष यहा पर मंगल में होता हैं।
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बाँसुरी की धून वाला जमाना कब का गुजर गया
आज कल का भजन तो DJ संदल में होता हैं।
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आपसी मतभेद टकरानेके नतीजे कौन सोचता हैं
फिर कहते हैं की भारी नुकसान तो दंगल में होता हैं।
~ अनामिका
वो शेरों को बताते हैं कि क्या जंगल में होता हैं।
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नियत और सीरत से ही निर्दोष होना काफी नहीं
कई बार तो दोष यहा पर मंगल में होता हैं।
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बाँसुरी की धून वाला जमाना कब का गुजर गया
आज कल का भजन तो DJ संदल में होता हैं।
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आपसी मतभेद टकरानेके नतीजे कौन सोचता हैं
फिर कहते हैं की भारी नुकसान तो दंगल में होता हैं।
~ अनामिका
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