Thursday, 23 February 2017

Hunar hai jina bhi zinda rehna bhi!

जींस दिन पैसा कमाना आएगा
तुम्हारे भी पास जमाना आएगा।
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मीठे भी होंगे, लफ्ज और रिश्ते
पहले बेबसी पर, ताना आएगा।
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समझने होंगे, जिंदगी के दावपेच
तभी दुनिया से निभाना आएगा।
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अखरेगी कुछ दिन, झूठी दुनिया
आहिस्ता खुद को मनाना आएगा।
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हुनर हैं जीना भी, जिंदा रहना भी
यूँ ही ना आखिरी ठिकाना आएगा।
~ श्रद्धा

Tuesday, 21 February 2017

Mohobbat

हर रस्म मोहब्बत की, कुछ यूँ पूरी की हैं
शिकायत में भी मैंने तेरी तरफदारी की हैं।
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तुझे क्या मालूम तुझसे वास्ता जोड़ के मैंने
इक सजा खुद ही अपने हक मे जारी की हैं।
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आखिरकार अपने भी नजरों मे सवाल लिए
आज तेरे सामने तुझसे ही, बराबरी की हैं।
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करगुजर कर सबकुछ, बस इतना समझा हैं
बड़ी मुश्किल जिंदगी की मैंने तैयारी की हैं।
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सीधा सा फसाना हैं, मेरी कहानी का ऐसा
बगावत खुद्दारी से, अश्को से यारी की हैं।
~ श्रद्धा

Tuesday, 14 February 2017

दूरी तो समझता है मजबूरी नही समझता

सुलह कर लेना, वो जरूरी नहीं समझता
दूरी तो समझता हैं मजबूरी नहीं समझता।
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फासले हैं दोनों में, दो दिलों में थोड़ी ही है
बात तो समझता हैं पर पूरी नहीं समझता।
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ये नजर भी उसकी, नजरिया भी उसी का
जो उसकी कहानी को हमारी नहीं समझता।
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माना कि नाराजगी भी, जायज हैं रिश्तों में
तभी तो खामोशी को, मैं बुरी नहीं समझता।
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तकरार तो नहीं उससे पर मलाल हैं इतना
बात तो समझता हैं बस पूरी नहीं समझता।
~ अनामिका