जद्दोजहद मेरे दिल की, कुछ यूँ हल हो जाएँ
जो बसा हैं इस दिल मे उसी से पहल हो जाएँ।
.
जो दे अगर दस्तक मेरे दिल की दहलीज पे वो
इस फकीर की ये कुटीया भी, महल हो जाएँ।
.
तसव्वूर में भी हो जाएँ, जो दिदार अगर उसका
ये तमाम नजारे दुनिया के, फिर ओझल हो जाएँ।
.
इस खौफ और कश्मकश में गुजर रहीं हैं जिंदगी
ये पल ही ना कहीं, गुजरा हुआ कल हो जाएँ।
.
मकसद सा लगने लगा हैं जीने का वो मुझ को
जो उसे पा लू, तो ये जिंदगी भी सफल हो जाएँ।
~ अनामिका
जो बसा हैं इस दिल मे उसी से पहल हो जाएँ।
.
जो दे अगर दस्तक मेरे दिल की दहलीज पे वो
इस फकीर की ये कुटीया भी, महल हो जाएँ।
.
तसव्वूर में भी हो जाएँ, जो दिदार अगर उसका
ये तमाम नजारे दुनिया के, फिर ओझल हो जाएँ।
.
इस खौफ और कश्मकश में गुजर रहीं हैं जिंदगी
ये पल ही ना कहीं, गुजरा हुआ कल हो जाएँ।
.
मकसद सा लगने लगा हैं जीने का वो मुझ को
जो उसे पा लू, तो ये जिंदगी भी सफल हो जाएँ।
~ अनामिका
No comments:
Post a Comment