दिल पर संभाले हुए दाग अब धूल जाएँ तो बेहतर हैं
जो मेरा हुआ हि नहीं, उसे भूल जाएँ तो बेहतर हैं।
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इससे पहले की बँध जाएँ, इक नई डोर नए धागे से
कुछ पुरानी यादें रफू करके सिल जाए तो बेहतर हैं।
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आखिर कैद कौन कर पाया हैं, उस बीते हुए कल को
ये आने वाला पल ही, जरा टल जाएँ तो बेहतर हैं
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मजबूरी अपनी जगह, और दुनियादारी अपनी जगह
जिंदगी जीने को कुछ हसरते, जल जाएँ तो बेहतर हैं।
~ अनामिका
जो मेरा हुआ हि नहीं, उसे भूल जाएँ तो बेहतर हैं।
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इससे पहले की बँध जाएँ, इक नई डोर नए धागे से
कुछ पुरानी यादें रफू करके सिल जाए तो बेहतर हैं।
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आखिर कैद कौन कर पाया हैं, उस बीते हुए कल को
ये आने वाला पल ही, जरा टल जाएँ तो बेहतर हैं
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मजबूरी अपनी जगह, और दुनियादारी अपनी जगह
जिंदगी जीने को कुछ हसरते, जल जाएँ तो बेहतर हैं।
~ अनामिका
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