झूठी बुलंदी से खुद को खिलाफ किया हैं मैंने
आज अपनी नियत को, साफ किया हैं मैंने
खुद्दारी चखने के लिए लाख मुश्किलें उठाई हैं
तब कहीं जाकर खुद को माफ किया हैं मैंने।
~ अनामिका
आज अपनी नियत को, साफ किया हैं मैंने
खुद्दारी चखने के लिए लाख मुश्किलें उठाई हैं
तब कहीं जाकर खुद को माफ किया हैं मैंने।
~ अनामिका
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