Tuesday, 22 March 2016

HAPPY HOLI :)

होली के त्योहार की अक्सर सुनते हैं ये कहानी
हीरण्यकश्यप के अहंकार को हरने की थी प्रभू ने ठानी।
.
न जलने का वरदान होकर भी होलिका जलकर राख हुई
सच्ची भक्ति के सामने उस दिन, बुराइयों की  मात हुई।
.
यही कारण हैं की आज हम होली का पर्व मनाते हैं
अपने द्वेष और अहंकार को होली के साथ जलाते हैं।
.
लेकिन आज में पर्यावरण की भीषण समस्याए हो रही हैं
तो ऐसे में क्या पेड़ पौधों को इस तरह काटना जरूरी हैं?
.
अपने भविष्य के बारे में तो हमें ही सोचना चाहिए
इस तरह की बातों को अब मिलकर रोकना चाहिए।
.
बूँद बूँद पानी को भी कुछ लोग यहाँ तरसते हैं
कुछ गाँवो में इंद्रदेव तो 3-3 साल नहीं बरसते हैं
.
सिर्फ होली की बात नहीं ये बात हैं जीवन भर की
तो यही जहन में रख के मनाए होली अपने घर की।
.
माना परंमपराओ से ही तो अपनी भारत भूमि हैं
लेकिन जल और पौधों के बिन ये भूमि भी सूनी हैं
.
मेरी सच्ची बातो में, कुछ कुछ कडवाहट तो मिलीं हैं
खैर चलो कोई बात नहीं, बुरा न मानो होली हैं :)
WISH U ALL A VERY HAPPY AND SAFE HOLI... :)

No comments:

Post a Comment