Friday, 13 March 2015

जिसको जो कहना है कहने दो, अपना क्या जाता है?

जिसको जो कहना है कहने दो, अपना क्या जाता है?
ये वक्त वक्त कि बात है साहब, सबका वक्त आता है।

उचाईयों का शौक रखो तो जमीन का भी खौफ रखो
जो फल जीतना ज्यादा पके उतनी हि जल्दी पेड़ से गिर जाता है।

तजुर्बा कहता है, किस्मत वफादार नहीं होती
जिस पर महादेव कि क्रिपा थी, वो राम के हाथों मारा जाता है।

औकात या हैसियत कि बात कभी किसी से ना करना
पानी कि एक बुंद जो ठानले तो सिपी में मोती बन जाता है।

उजालो से याराना रखो तो अंधेरो से भी यारी रखो
वहीं सच्चा दोस्त है जिंदगी का, जो बिन बुलाए चले आता है।
~ अनामिका

No comments:

Post a Comment