वो तो नहीं कहते, उनका हर एक ताना कहता हैं
मैं हारकर भी नज़र में हूँ ये ख़ुद ज़माना कहता हैं।
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मोहब्बत अच्छे अच्छे को मियाँ, होश में ला देती हैं
तू दो जाम लगाके पगले ख़ुद को दीवाना कहता हैं।
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तेरे बुलंदी की सुर्ख़ियाँ तो, हर अख़बार मे छपती हैं
तेरी हार का किस्सा मगर सिर्फ़ ये विराना कहता हैं।
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इस दौर के नग़मे भले ही, 'मोहब्बत करना' सिख़ा दे
'मोहब्बत निभाए कैसे' उस दौर का तराना कहता हैं।
~ Shraddha
मैं हारकर भी नज़र में हूँ ये ख़ुद ज़माना कहता हैं।
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मोहब्बत अच्छे अच्छे को मियाँ, होश में ला देती हैं
तू दो जाम लगाके पगले ख़ुद को दीवाना कहता हैं।
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तेरे बुलंदी की सुर्ख़ियाँ तो, हर अख़बार मे छपती हैं
तेरी हार का किस्सा मगर सिर्फ़ ये विराना कहता हैं।
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इस दौर के नग़मे भले ही, 'मोहब्बत करना' सिख़ा दे
'मोहब्बत निभाए कैसे' उस दौर का तराना कहता हैं।
~ Shraddha
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