Monday, 12 January 2015

रात के ईस अंधेरे में कभी चूप चूप के रोलीया करो पर सुबह होते ही दुनिया केसामने खुल के जीया करो

अपनी कमजोरियों को यु ना ईश्तीहार बनाया करो
निकम्मो को गुफ्तगु का यु ना कारोबार दीया करो।

ईश्क है तो ईश्क का इजहार ना कीया करो
मरनेकाही शौक है तो जहर पीलीया करो।

कीसी अपने की मदत करके यु ना सबको बताया करो
शर्मींदा करके एहसानो को यु ना बार बार जताया करो।

काम के नाम पर फरेब से यु ना लोगों को फसाया करो
फीर पाप धोनेके नाम पर यु ना गंगा नहाया करो।

रूठ जानेपर बीवी को भलेही गलेसे लगाया करो
पर कीसी रोज माँ-बाप के पैर भी छुलीया करो।

जन्मदीन और सालगीरह के खूब जश्न मनाया करो
पर कीसी शाम गरीबों को खाना भी खीलाया करो।

रात के ईस अंधेरे में कभी चूप चूप के रोलीया करो
पर सुबह होते ही दुनिया केसामने खुल के जीया करो
- अनामिका

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