लोगों के दीलों मे मेरी पनाह कबतक होगी?
मेरे ईन लफ्जों पर वो निगाह कबतक होगी?
वक्त बदलता है तो फनकार भी बदलते है दोस्त
मेरी ईस शायरी की वाह वाह कबतक होगी?
- अनामिका
मेरे ईन लफ्जों पर वो निगाह कबतक होगी?
वक्त बदलता है तो फनकार भी बदलते है दोस्त
मेरी ईस शायरी की वाह वाह कबतक होगी?
- अनामिका
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