Sunday, 10 May 2015

जीनत

माना तू माहताब हैं... फलक पर चमकता हैं.... कभी इस शम्मे फरोजाँ को छूकर देख... तेरे नूर की जीनत बढेगी।
~ अनामिका

माहताब- चाँद
फलक- आसमान
शमा- candle, lamp
फरोजा- चमकीला
नूर- चमक
जीनत- खूबसूरती

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