बस चुपके से देखता है कभी जिक्र नहीं करता
तो मैं ये कैसे कहदू कि वो मेरी फिक्र नहीं करता।
अनदेखा कर देता है सरेआम इस अंदाज से
दिखाता है कि जैसे मेरी कद्र नहीं करता।
कोई मजबूरी हि होगी जो कभी जुबान तक ना आई
वर्ना कौन हैं जो मोहब्बत पर फक्र नहीं करता।
वो नहीं पास मेरे, पर मैं तो उसके पास हूँ
यही सोचकर मैं अपना बुरा हश्र नही करता।
~ आनामिका
तो मैं ये कैसे कहदू कि वो मेरी फिक्र नहीं करता।
अनदेखा कर देता है सरेआम इस अंदाज से
दिखाता है कि जैसे मेरी कद्र नहीं करता।
कोई मजबूरी हि होगी जो कभी जुबान तक ना आई
वर्ना कौन हैं जो मोहब्बत पर फक्र नहीं करता।
वो नहीं पास मेरे, पर मैं तो उसके पास हूँ
यही सोचकर मैं अपना बुरा हश्र नही करता।
~ आनामिका
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