बेखौफ होकर जीने का दौर पुराना नहीं आएगा
लगता हैं अब फिर वो रंगीन जमाना नहीं आएगा।
बचपन की उन चोरीयों में भी गजब की अमिरी थी
जवानी में वो मजा अब कभी कमाना नहीं आएगा।
उम्र की यें रफ्तार भी इस कदर तेज हो चुकी हैं
माँ का आँचल पकड़ कर अब वो रोना नहीं आएगा।
मोहब्बत को खोकर ही मोहब्बत समझ आईं हैं
लगता हैं अब किसी सें दिल लगाना नहीं आएगा।
जब था, तब तूने उसकी कद्र हीं नहीं की ऐ दिल
लौटकर अब कभी वो तेरा दीवाना नहीं आएगा।
छोटे-मोटे झूठ से बहुत परेशान किया करता था उसे
आज फिर से मिल ए जान, अब कोई बहाना नहीं आएगा।
~ अनामिका
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