Saturday, 27 December 2014

दर्द


मोहब्बत के ईस खेल में आजमाईश क्यु है?
जब बेपनाह ईश्क है तब रंजीश क्यु है?

लफ्ज ही लफ्जो के मायने ना समझे
अरमानों की दीलमे बंदीश क्यु है?

दील जलाने के यहाँ मनसुबे बनते है
अपनों के लीये ही ये साजीश क्यु है?

तवज्जो भी दे और तवक्को ना रखे
ईस ईश्क मे ऐसी गुजारिश क्यु है?

जख्म तो जैसे विरासत में मीले है
यहाँ अनगीनत अश्कों की बारिश क्यु है?
- अनामिका

रंजीश- anger
मनसुबे- planning
तवज्जो- here d meaning of dis. word is care
तवक्को- expectation
अश्क- tears

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