Sunday, 21 December 2014

जिक्र तेरा जमानेसे जब जब मै करता हूँ जीतली ये जिंदगी कहकर जीतना भुल जाता हूँ।

जिक्र तेरा जमानेसे जब जब मै करता हूँ
जीतली ये जिंदगी कहकर जीतना भुल जाता हूँ।

हसरत तुझे हसानेकी दील मे जब मै रखता हूँ
हसता तुझे देखता हु और हसना भुल जाता हूँ।

तुझे मै जानता हु, ये खुदसे जब मै कहता हूँ
सच कहता हु जान, मै जीना भुल जाता हूँ।

जब जब तुम सजती हो सोच मे पड जाता हूँ
सवरता तुम्हे देखकर साँस लेना भुल जाता हूँ।

खुदा से तुझे मांगनेकी ख्वाहीश जब मै करता हूँ
तुझे खोनेके खौफ से, खुद को भुल जाता हूँ।

- अनामिका

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