Wednesday, 31 December 2014

चेहरे पर जो अपने दोहरी नकाब रखता है खुदा उसकी चलाखीयोंका हीसाब रखता है।

चेहरे पर जो अपने दोहरी नकाब रखता है
खुदा उसकी चलाखीयोंका हीसाब रखता है।

जमानेकी नजर में जो चुप चुप सा रहता है
अक्सर वही सीनेमे जलता सैलाब रखता है।

पींजरे में ही कैद होगई है जिंदगी जीसकी
वो पंछी भी एकदीन उडने का ख्वाब रखता है।

काटों से मोहब्बत करने की हीम्मत जीसमे हो
वही अपने हाथों में गुलाब रखता है।

दहशत पैदा करने का तरीका जीसे आगया
वो शेर ही सर पर बादशाही का खीताब रखता है।

जो बोलनेके हुनर से लोगों का दील जीतले
वो बीना सवाल जानेही होंठो पर जवाब रखता है।
- अनामिका

No comments:

Post a Comment