मीलनेकी फुरसत कीसके पास है यहाँ?
हर कोई आजकल जल्दी में है।
तकदीर का कारोबार तो खुदा ही जाने
कीस्मत की दुकान भी मंदी मे है।
घर पे मीले जख्मों को अंदर ही निपटादे
ऐसा मलहम उस हल्दी में है।
माँ से झगडकर जो बच्चा रूठ जाएँ
उसे मनाने का सबब बस दादी में है।
बाप के खातिर जो मोहब्बत कुर्बान करे
ये हुनर हींदुस्तान की हर बंदी मे है।
हुकुमत में जीये तो क्या खाक जीये
असली मजा तो आजादी में है।
- अनामिका
हर कोई आजकल जल्दी में है।
तकदीर का कारोबार तो खुदा ही जाने
कीस्मत की दुकान भी मंदी मे है।
घर पे मीले जख्मों को अंदर ही निपटादे
ऐसा मलहम उस हल्दी में है।
माँ से झगडकर जो बच्चा रूठ जाएँ
उसे मनाने का सबब बस दादी में है।
बाप के खातिर जो मोहब्बत कुर्बान करे
ये हुनर हींदुस्तान की हर बंदी मे है।
हुकुमत में जीये तो क्या खाक जीये
असली मजा तो आजादी में है।
- अनामिका
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